Dengue

डेंगू एक वायरल फीवर है जो Aedes Egypti नाम के मछर के काटने से होता है।

What is dengue and its symptoms? डेंगू क्या है और इसके लक्षण क्या होते है?

डेंगू मच्छर के काटने से फैलता है। कितने व्यक्तियों की मौत मच्छर काटने से वजह से होती है और एक बार अगर किसी इंसान को contingent वायरस कहां से लेकर और इंसान को काटेगा। डेंगू फीवर की पिक्चर जो के डेंगू वायरस को गेट इनफेक्टेड पर्सन के शरीर से जल्दी आदमी के शरीर में ट्रांसफर होने के कारण डेंगू फीवर की एक इंफेक्शन के शरीर से जल्दी कैसे ट्रांसफर कर सकता है। क्योंकि डेंगू फीवर ट्रीटमेंट और उसमे बॉडी के अंदर करेगा और लाइफ थ्रेटनिंग कंडीशन बन सकता है। इसके लक्षण इस प्रकार है:

• तेज बुखार
• शरीर में ऐंठन
• प्लेटलेट्स में तेजी से कमी
• मतली आना या उलटी आना
• मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द

अगर इस प्रकार के लक्षण आपको दिखते है, तो आपको तुरंत डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए। घर पर इलाज करने की कोशिश न करे और डॉक्टर के परामर्श से ही इलाज करवायें यही आपके लिए होगा। इसके प्रति जानकारी के अभाव की वजह से थोड़ा डर बना हुआ है। उनके बारे में जानकारी क्या है, अगर कोई डेंगू का रोगी है उससे कोई मतलब यह प्रजाति का मच्छर कब काटता है। नॉर्मल व्यक्ति को भी लक्षणों में सर में दर्द होना, आंखों में दर्द होना, पूरे बदन में कंपकंपी छूटना, पूरे बदन में दर्द होना। यह आमतौर पर इसके लक्षण होते हैं, इसके अलावा थोड़े गंभीर स्वरूप के लक्षण जैसे कि नाक में से खून आना, मसूड़ों से खून आना, चक्कर आना, यह भी लक्षण दिखाई दे सकते है। दोस्तों आप सभी लोग जानते हैं कि डेंगू के बुखार में प्लेटलेट कोशिकाएं कम हो जाती है, मुख्य शरीर में यह होता है संख्या कम हो जाए तो आपके शरीर में कहीं भी हो सकता है। जैसे कि या फिर लेट आपको आपका बीपी ब्लड प्रेशर कम हो जाना, आपको चक्कर आना, पेट में दर्द होना, यह भी गंभीरता के लक्षण हो सकते हैं। यदि आपके शरीर की प्लेटलेट कोशिकाओं का अकाउंट 20000 प्रति माइक्रोलीटर से कम जाता है, तो आपके डॉक्टर आपको ऊपर से प्लेटलेट चढ़ाने की सलाह दे सकते हैं। यानी कि ब्लड बैंक में से प्लेटलेट कंसंट्रेट के पाउच बुलाकर रोगी को चढ़ाए जाते हैं। यह प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन करना कहते है। आप Dengue symptoms in hindi आर्टिकल पढ़ रहे है देखभाल वह अच्छी तरीके से कर सकेंगे हॉस्पिटल और डॉक्टर कोई तो बात सुनी ही है, लेकिन आपको डेंगू के बारे में जानना बहुत जरूरी है। डेंगू मच्छर से फैलता है और जिंदगी तो दोपहर में जो मच्छर काटते हैं। यह बीमारी फैलती है तो ऐसे में जो डेंगू एक बार किसी को हो जाए तो सिम्टम्स क्या जनरल ही रहते हैं जिन्हें देखा गया है इसके में बुखार आता है और बुखार के साथ आंखों के पीछे काफी दर्द रहता है साथ में हड्डियों में दर्द रहता है और इसकी एक और खास निशानी है कि डेंगू में जब तीन-चार दिन बीते हैं। तो उसके बाद शरीर में लाल धब्बे आ जाते हैं, आंखों में खुजली होती है। तो इसका कोड क्या है, क्या होता है कि यह एक बीमारी है ऐसे में 14 दिन में यह बीमारी पूरी body में फैल जाती है।

Dengue

What is the test for Dengue? डेंगू के लिए कौन से टेस्ट होते है?

सबसे पहले टेस्ट पैरामीटर के ऊपर हम जब बात करेंगे। यहां पर आपको देखने को मिल रहा होगा कि डेंगू वायरस वायरस से चलने वाली है, इसलिए इसका नाम वायरस पड़ा जो डेंगू वायरस लिखा हुआ है। तो आपको मालूम चल गया है कि यह वायरस से होने वाला या फैलने वाला बीमारी है और ns1 एंटीजन टेस्ट जब हम कहते हैं।

कोई भी चीज है जब बॉडी के अंदर कोई फॉरेन पार्टिकल बाहर से आता है। उसको क्या कहते हैं बीमारी का एंटीजन इसके अंदर है या नहीं है। उसका जब हम पता लगाते हैं तो हम एंटीजन टेस्ट बोलते हैं। उसी वायरस व्यक्ति है जो भी उसी डिसिफॉर्म पता लगाते हैं। तो उस वक्त हम क्या बोलते हैं उसको एंटीजन टेस्ट समझ में आ गया। डेंगू वायरस के खिलाफ या इसके खिलाफ लड़ने के लिए हमारे बॉडी में क्या बन जाता है। एंटीबॉडीज डिवेलप होने लगते हैं, बॉडी के अंदर वायरस सिंपल तरीका को समझ में आ गया। तो पैरामीटर इस तरीके से 2 तरीके होते हैं और एक लेकिन यही होता है किसको माना जाता है। यह जो तीन पैरामीटर हमारे देश में इस्तेमाल हो रहा है इसमें आगे तो जैसे कि हमने ns1 एंटीजन में आपको देखने को जो आप आपने फॉर्म करेंगे।

What is NS1 / IGM / IGG test?

इसमें भी आपको ब्लड सैंपल की रिक्वायरमेंट होती है। चलिए हम आगे चलते हैं इसमें तो ns1 टेस्ट के बारे में हम डिस्कस करते हैं। सबसे पहले हम जब बात करते हैं जैसे कि हमने आपको बताया कि इसमें आपको देखने को मिल जाएंगे। जो आप करेंगे और जब स्टार्टिंग पीरियड होता है। इंफेक्शन हुआ है तब आपको यह पता लगाने में बहुत ही आसानी होता है। अगर ns1 आपको है मतलब स्टार्टिंग है आपको इंफेक्शन हुआ है, इसका मतलब यह और परीक्षण हो सकता है कि यह रिपोर्ट नेगेटिव है। एग्जैक्ट मालूम नहीं चलता पेशेंट कि किसी पेशेंट को कितने दिन बुखार हो गया। कौन सा चीज पॉजिटिव आ सकता है या नेगेटिव आ सकते तो तीनों टेस्ट लगाना सही होता है। पेशेंट को बुखार आए हुए 7 दिन से ऊपर हो गए हो सकता है नेगेटिव और उसको नेगेटिव मान लिया जाए और पता चले अगर हम लगाते तो वह पॉजिटिव आने के चांस है। उसमें और पॉजिटिव के लिए क्या करेंगे यहां पर कराते हैं। इसमें सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला एक मेथड होता है ठीक है और एक्स्पोज़र के लगभग 3 से 7 दिनों के बाद इसमें सिरूकन वर्जन होता है। जिसके कारण हम अगर जब आईजीएम IGM और आईजी IGG एंटीबॉडी टेस्ट लगाएंगे। क्योंकि उसको इंफेक्शन हो चुका है पेशेंट को और उसके अंदर एंटीजन जा चुका है। डेंगू वायरस का तो उसके खिलाफ जब एंटीबॉडी में बनेंगे।

What is the diet plan during dengue? डेंगू के दौरान डाइट प्लान क्या है?

सही समय पर इसका उपचार नहीं किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। डेंगू बुखार में खून में मौजूद प्लेटलेट्स तेजी से घटने लगते हैं। ऐसे में मरीज को सही डाइट ना मिले तो इससे और भी दूसरी गंभीर प्रॉब्लम पैदा हो सकती है। जिसकी वजह से जान जाने का खतरा भी हो सकता है। लेकिन अगर डेंगू का पता चलते ही मरीज को तुरंत ही सही डाइट का इस्तेमाल कराया जाए, तो इससे प्लेटलेट की गिरावट को बहुत ही तेजी से बढ़ाया जा सकता है। इसलिए ऐसी स्थिति में हमेशा मरीज को अपने खाने में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए। जिससे उसका प्लेटलेट तेजी से बढ़ सके। इसके अलावा डेंगू के बुखार में मरीज का हाजमा भी कमजोर हो जाता है। जिसकी वजह से खाना आसानी से नहीं पचता। इसलिए इस दौरान मरीज को ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए। जो आसानी से पच जाए और साथ ही ऐसी चीजों के सेवन से बचना चाहिए। जो हजम होने में दिक्कत पैदा करती हूं, इसलिए मैं आपको ऐसी ही कुछ असरदार चीजों के बारे में बताऊंगा। जिसके सेवन से आपका गिरा हुआ प्लेटलेट काउंट बहुत तेजी से सिर्फ 2 से 3 दिन में ही बढ़ जाएगा। तो चलिए आप जानते हैं तो दोस्तों डेंगू के बुखार में एक बहुत ही असरदार दवा है, बकरी का दूध जो बहुत कम हो चुके प्लेटलेट्स काउंट को भी तुरंत बढ़ाने की काबिलियत रखता है। इसलिए ऐसे समय मरीज को सिर्फ 2 से 3 दिन बकरी का दूध पिला दिया जाए, तो इससे उसका प्लेटलेट्स काउंट बहुत तेजी से बढ़ जाएगा। इसी तरह अगर आपको बकरी का दूध कहीं ना मिले। तो डेंगू बुखार में पपीते का पत्ता भी बहुत ही असरदार दवा मानी जाती है। क्योंकि अगर पपीते के पत्ते का रस निकालकर मरीज को पिलाया जाए, तो इससे भी उसका प्लेटलेट्स काउंट बहुत तेजी से बढ़ने लगेगा। इसके अलावा यह बुखार दूर करने में भी मदद करता है। इसलिए दिन में तीन से चार बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पपीते के पत्ते का रस मरीज को जरूर पिलाएं। आपको पपीते का पत्ता भी ना मिले तो आजकल मार्केट में इसका जूस बहुत ही आसानी से आपको मिल जाएगा, इसके अलावा फलों में संतरा, कीवी, पपीता, अमरूद और आलूबुखारा जैसे फलों का सेवन डेंगू के बुखार में जरूर करना चाहिए।

Fruits

इससे शरीर का पावर बढ़ता है और जिसकी वजह से खून में मौजूद प्लेटलेट काउंट बढ़ने लगता है। इसी तरह सब्जियों की बात की जाए तो डेंगू बुखार में मरीज को टमाटर, गाजर और चुकंदर का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए।

Vegetables

क्योंकि यह सभी सब्जियां हल्की-फुल्की होने के बावजूद कई तरह के विटामिंस और मिनरल्स से भरपूर होती हैं, जो आसानी से हजम हो जाती हैं और साथ ही हमको भी मजबूत करती हैं। इसके अलावा अनाज में मरीज को सबसे पहले हल्की-फुल्की चीज है जो सूखी खिचड़ी और दलिया खाने को देना चाहिए। इसी तरह जब मरीज की हालत पहले से थोड़ी बेहतर हो जाए और उसे उल्टी वगैरा की प्रॉब्लम नहीं हो रही। ऐसे समय उसे प्रोटीन वाली चीजों का भी सेवन कराना शुरू कर देना चाहिए। प्रोटीन के लिए आप मरीज को अंडा और दूध दे सकते हैं। अगर मरीज नॉनवेज खा सके तो मछली चिकन और मटन वगैरह भी उसके खाने में जरूर शामिल करें। इसके अलावा डेंगू में मरीज को खाने के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा लिक्विड का इस्तेमाल भी जरूर करवाना चाहिए। यह बेहद जरूरी होता है क्योंकि अक्सर मरीज को उल्टी और बुखार की वजह से डिप्रेशन की समस्या हो जाती है। इसलिए ऐसी स्थिति में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए मरीज को नारियल पानी, नींबू पानी वगैरह देना चाहिए और जितना हो सके मरीज को हर थोड़ी देर में पानी पिलाना चाहिए। क्योंकि ज्यादा से ज्यादा पानी पीना डेंगू के मरीज के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

What precautions have taken during dengue? डेंगू के दौरान क्या सावधानियां बरतनी है?

अब बात करते हैं कि डेंगू के दौरान मरीज को किन-किन चीजों के सेवन से बचना चाहिए, तो दोस्तों ऐसी हालत में मरीज को ज्यादा तेल, मसाले, पेस्ट्री, केक, कोल्ड ड्रिंक, अल्कोहल से बिल्कुल दूर ही रहना चाहिए। यह सारी चीजें बीमारी पैदा करने की वजह बनती है। तो दोस्तों यह चीजें और कुछ चीजों के सेवन से बचें रहकर डेंगू का मरीज बहुत ही कम समय में खुद को रिकवर कर सकता है, लेकिन याद रहे अगर मरीज की हालत ज्यादा सीरियस है तो। सबसे पहले डॉक्टर से जरूरी इलाज कराएं और साथ ही साथ बताई गई बातों पर नियमित रूप से अमल करें।

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Dengue se bachav:
दोस्तों डेंगू से बचने के लिए आज मैं आपको कुछ बहुत ही काम की जरूरी बातें बताने वाला हूं। जिसे अपनाकर आप डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी के होने के चांसेस को बहुत हद तक कम कर सकते हैं। तो दोस्तों डेंगू मच्छर के ताल्लुक से आप सबसे पहले यह बात जान लें, तो यह मच्छर हमेशा दिन के वक्त काटता है। इसलिए हमेशा कोशिश यह करें कि ऐसी जगह ना बैठे जहां मच्छर होता कि आप दिन में मच्छरों के काटने से खुद को बचा सके। इसी तरह मच्छर के काटने से बचने के लिए कोशिश करें कि आप जब भी बाहर जाएं तो हमेशा फुल बाजु वाले कपड़े ही पहनें और साथ ही पांव में जूते भी जरूर पहनें ताकि शरीर पूरी तरह से ढका रहे। इसके अलावा अपने घर में और घर के आसपास की जगह पर भी खास ध्यान दें देखे कहीं घर के अंदर या फिर घर के आसपास कहीं पानी तो नहीं जमा है, अगर आपको कूलर गमले और टायर वगैरह में पानी जमा हुआ दिखे तो उसे बहा दें। कभी भी पानी को ज्यादा समय के लिए जमा रहने ना दे। क्योंकि इसी जमा पानी के कारण डेंगू के मच्छर पनपते हैं। इसी तरह अगर आपके घर में मच्छर हैं तो मच्छरदानी का इस्तेमाल करें या फिर ऐसे घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करें, जिससे मच्छर आपके आसपास ना भटक सके।

Machar katne se bache:
अच्छा यही होगा कि मच्छरों से बचने के लिए नेचुरल तरीके ही अपनाया जाए तो मैं आपको तीन ऐसे नेचुरल तेल के बारे में बताने वाला हूं जो न सिर्फ मच्छरों को दूर भगाते हैं बल्कि यह त्वचा के लिए भी फायदेमंद होते हैं इसके अलावा इस वीडियो के आखिर में मैं आपको घर पर ही बिल्कुल आसान तरीके से नेचुरल गुड नाइट बनाने का तरीका भी बताऊंगा जो मच्छरों को भगाने में बहुत ही उपयोगी होता है तो चलिए बात शुरू करते हैं।

• सबसे पहला तेल है पिपरमिंट ऑयल यह एक ऐसा पेड़ है जिसकी महक से मच्छर करीब ही नहीं आते। क्योंकि मच्छरों को पुदीने के तेल की खुशबू बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होती। इसलिए जब भी आप घर से बाहर निकले या फिर रात में आपके घर में मच्छर ज्यादा रहते हैं तो सोने से पहले अपने शरीर पर जरा सा पेपर मिंट ऑयल लगा लिया करें। अगर आप चाहें तो इसे अपने कपड़ों पर भी थोड़ा लगा सकते हैं।

• इसी तरह से मच्छरों को भगाने के लिए नीम का तेल भी बहुत उपयोगी होता है। लेकिन ज्यादातर लोग मच्छरों को भगाने के लिए अपने घरों में गुड नाइट जैसी केमिकल युक्त चीजों का इस्तेमाल करते हैं। जो मच्छरों को तो भगा देता है। लेकिन साथ ही साथ केमिकल्स के जरिए हमारे शरीर में जाता है तो यह सांस से जुड़ी बहुत सी बीमारी पैदा कर सकता है। तो इस से अच्छा है कि आप पूरे कमरे में नीम के तेल का छिड़काव करें, ऐसा करने से कमरे में मच्छरों का नामो निशान नहीं रहेगा।

• इसके अलावा अगर आप चाहे तो नारियल के तेल में नीम के तेल को मिलाकर पूरे शरीर पर भी लगा सकते हैं। नीम के तेल को इस्तेमाल करने का एक और तरीका यह भी है कि आप इसे नारियल के तेल में मिलाकर इसका दिया जला लें। इससे भी मच्छर भाग जाएंगे अगर आप यह सब कुछ नहीं कर सकते तो मच्छर भगाने का मैं आपको एक सबसे आसान तरीका बताता हूं। जिसके लिए आपको सिर्फ इतना करना है कि एक गुड नाइट की मच्छर भगाने वाली खाली रिफिल ले ले अब इसके अंदर ले अब आप इसे बिल्कुल उसी तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। गुड नाइट वगैरा को इस्तेमाल करते हैं बस आप जब भी सोने जाए तो इसे 10 मिनट पहले ऑन कर दें तो दोस्तों यह थे कुछ नेचुरल तरीके से इस्तेमाल करने से मच्छर से तो आपको छुटकारा मिलेगा ही।

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